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सागर

मौसम बढ़ा रहा किसानों की ङ्क्षचता, तापमान बढऩे से उत्पादन होगा प्रभावित

बीना. पिछले दिनों तक फसलों के लिए मौसम अनुकूल रहा, जिससे फसलें बहुत अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन तापमान में आ रहे उछाल ने किसानों की ङ्क्षचता बढ़ा दी है। यदि इसी तरह लगातार तापमान बढ़ा, तो उत्पादन क्षमता पर असर पड़ेगा।
अभी चना की फसल फूल पर है और मसूर, मटर की फसल में फलियां आ रही हैं। साथ ही गेहूं की फसल में भी बाली आ रही है, जिससे सभी फसलों को ठंड की जरूरत है। इन दिनों अधिकतम तापमान 29 डिसे और न्यूनतम तापमान भी 11 डिसे पर पहुंचने लगा है।

सागरFeb 03, 2025 / 06:04 pm

Pramod Gour

बीना. मसूर की फसल में अभी फलियां आ रही हैं, जिसे ठंड की जरूरत है।

बीना. मसूर की फसल में अभी फलियां आ रही हैं, जिसे ठंड की जरूरत है।

दिन में गर्मी का होने लगा है एहसास

बीना. पिछले दिनों तक फसलों के लिए मौसम अनुकूल रहा, जिससे फसलें बहुत अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन तापमान में आ रहे उछाल ने किसानों की ङ्क्षचता बढ़ा दी है। यदि इसी तरह लगातार तापमान बढ़ा, तो उत्पादन क्षमता पर असर पड़ेगा।
अभी चना की फसल फूल पर है और मसूर, मटर की फसल में फलियां आ रही हैं। साथ ही गेहूं की फसल में भी बाली आ रही है, जिससे सभी फसलों को ठंड की जरूरत है। इन दिनों अधिकतम तापमान 29 डिसे और न्यूनतम तापमान भी 11 डिसे पर पहुंचने लगा है।
यदि इसी तरह का मौसम लगातार रहेगा, तो फसलों में दाना छोटा रह जाएगा। अभी रात में ठंड होने से किसानों को थोड़ी राहत है और रात का तापमान बढऩे पर नुकसान ज्यादा होगा।
बढ़ते तापमान में किसान फसलों की ङ्क्षसचाई भी करने लगे हैं, जिससे ज्यादा असर न पड़े। इस वर्ष गेहूं का रकबा ज्यादा है और गेहूं के पूरे फरवरी माह में भी ठंड की जरूरत होती है।
फसलों में कीटों का असर भी बढ़ेगा

गर्मी के कारण चना में इल्ली और मसूर में माहू का असर भी बढ़ेगा। कुछ किसानों ने तो मौसम में आ रहे उतार-चढ़ाव के चलते कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी शुरू कर दिया है। किसानों ने बताया मसूर में माहू का प्रकोप दिखने लगा है और यदि मौसम अनुकूल नहीं रहा, तो दवाओं का असर भी नहीं होगा।
अधिकतम तापमान 25 डिसे रहना चाहिए

कृषि वैज्ञानिक आशीष कुमार त्रिपाठी ने बताया कि अभी फसलें अच्छी हैं, लेकिन फरवरी माह में लगातार अधिकतम, न्यूनतम तापमान बढऩे पर फसलों के उत्पादन पर असर पड़ेगा। रबी सीजन की फसलों के लिए अधिकतम तापमान 25 और न्यूनतम 10 डिसे तक रहना जरूरी है। तापमान बढऩे की स्थिति में किसान फसलों की ङ्क्षसचाई करें। चने में इल्ली और मसूर की माहू का प्रकोप भी बढ़ेगा।

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