मान्यता मिलने से यह मिलेगी सुविधाएं : प्राचार्य डॉ.
प्राचार्य डॉ. पूनम दत्ता ने बताया कि एनएएसी किसी भी शैक्षणिक संस्थान की गुणवत्ता का आंकलन करता है व इसे विभिन्न मापदंडों पर परखता है। महाविद्यालय को ग्रेड मिलने से महाविद्यालय विभिन्न सरकारी व निजी अनुदान योजनाओं के लिए पात्र होगा, जिनमें प्रमुख रूप से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत अधोसंरचना विकास, साइंस ब्लॉक व पीजी ब्लॉक के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की योजनाएं, जिनमें अनुसंधान परियोजनाओं, स्मार्ट क्लास रूम, डिजिटल लाइब्रेरी, लैबोरेट्री अपग्रेडेशन आदि के लिए अनुदान, सीएसआर फंडिंग, जिनमें विभिन्न निजी कम्पनियों के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड से महाविद्यालय के लिए अनुदान प्राप्त किया जा सकता है। इसके साथ उच्च शिक्षा योजना के लिए प्रदेश सरकार की ओर से उच्च शिक्षा में सुधार के लिए विशेष फंड उपलब्ध करवाए जाते हैं। एनएएसी ग्रेडिंग के आधार पर उच्च शिक्षा व अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए विश्व बैंक व अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से वित्तीय सहायता मिल सकती है।
इन्होंने निरीक्षण कर किया था मूल्यांकन : एनएएसी
एनएएसी मूल्यांकन दल में शामिल चेयरपर्सन संचारी राय मुखर्जी (पूर्व वी.सी, दिनाजपुर विश्वविद्यालय), प्रभारी सदस्य दिल्ली विश्वविद्यालय के व्याख्याता डॉ. संजीव कुमार, के.जे. सौमाया कॉलेज, मुम्बई के प्राचार्य डॉ. प्रदन्यप्रभु ने 17 व 18 जनवरी को महाविद्यालय का निरीक्षण कर मूल्यांकन किया था। गौरतलब है कि राजस्थान में कुल 557 राजकीय महाविद्यालय में हैं, जिनमें से 78 महाविद्यालयों को एनएएसी की ओर से मान्यता प्राप्त हुई है।