डर के साये में प्रशिक्षण लेना मजबूरी
जर्जर भवन में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के दो अलग-अलग बैच में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण चलता है। इस भवन में वर्तमान में 35 स्वास्थ्य कार्यकर्ता आवासीय सुविधा का उपयोग कर रही है। लेकिन उन्हें हर समय बड़े हादसे का डर सताता है। उन्होंने बताया कि भवन के अंदर एवं बाहर पूर्ण रूप से जर्जर स्थिति है। रोजाना छत, रोशनदान, दीवार की छत से प्लस्तर नीचे गिरता है। जिस पर सफाई कर्मचारी द्वारा नियमित उन्हें हटाया जाता है। भवन के आसपास या नीचे खड़े रहने की स्थिति में किसी भी हादसे की संभावना बनी रहती है। जिस कारण जानकार व्यक्ति भवन के नीचे किसी को खड़ा नहीं रहने देते।
34 वर्ष पूर्व बना था दो मंजिला भवन
प्रशिक्षण केंद्र का 34 वर्ष से पूर्व निर्माण किया गया था। दो मंजिला प्रशिक्षण केंद्र के भवन में कुल 12 कक्ष है तथा दो बड़े हॉल बने हुए है। 120 सीट की क्षमता वाले इस भवन में 92 स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण लेती है तथा 35 के करीब स्वास्थ्य कार्यकर्ता यहां रह रही है। बाकी अन्य कार्यकर्ता बाजार में किराए के भवन में रहती है। भवन की बालकनी, छत, दीवारें, रोशनदान सहित अधिकांश हिस्सा जर्जर हो चुका है।
बजट नहीं मिलने से नहीं हो पाया मरम्मत कार्य
स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण भवन की मरम्मत को लेकर 7 वर्ष पूर्व सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण कर भवन की मरम्मत के लिए 25 लाख का बजट प्रस्ताव बनाया। प्रस्ताव विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के कारण भवन का बजट स्वीकृत नहीं हो पाया। इसके बाद 2 वर्ष पूर्व भवन की मरम्मत को लेकर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 40 लाख का बजट प्रस्ताव बनाकर सक्षम अधिकारी को भेजा, लेकिन बजट स्वीकृत नहीं हो पाया। जिसका नतीजा यह है कि अभी तक भवन जर्जर है। भवन के अंदर शौचालय के दरवाजे टूट रहे है व खिड़कियों की जालियां भी टूटी है। दीवारें व छत के टूटने से अधिकांश पंखे एवं फर्नीचर टूट गए है।
जमीन आवंटन की फाइल ठंडे बस्ते में
प्रशिक्षण केंद्र के नवीन भवन निर्माण को लेकर तहसीलदार सलूम्बर के माध्यम से 4 बीघा यानी 80 बिस्वा भूमि आवंटन को लेकर प्रस्ताव उपखंड कार्यालय तथा जिला कलक्ट्रेट को भेजा था। इसे लेकर तत्काल अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश बुनकर ने 6 मार्च 2024 को भूमि आवंटन प्रस्ताव में त्रुटियां एवं कमी के कारण आक्षेप लगाकर पुनः उपखंड अधिकारी सलूम्बर को भेजा। 31 जुलाई 2024 को तत्कालीन उपखंड अधिकारी पर्वत सिंह चुंडावत ने आक्षेप के अनुरूप जिला कलक्ट्रेट को पुनः प्रस्ताव बनाकर भेज दिया। लेकिन 31 जुलाई 2024 के बाद यह प्रस्ताव अमल में नहीं आया और भूमि आवंटन की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई।
नगर परिषद ने दिया अनापत्ति प्रमाण पत्र
भूमि आवंटन को लेकर नगर परिषद सलूम्बर ने उपखंड अधिकारी को भवन निर्माण के लिए भूमि आवंटन को लेकर राजस्व गांव करगेटा स्थित 80 बिस्वा भूमि चयनित करने का अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया था।
इनका कहना है…
वर्तमान में भवन काफी जर्जर हो रहा है। हर समय हादसे का डर बना रहता है। केंद्र की ओर से प्रार्थना पत्र तैयार कर भूमि आवंटन के लिए लगाया गया। जिसके बाद तहसील, उपखण्ड व जिला कलक्ट्रेट को फाइल भेजी गई। आवंटन को लेकर हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। –राजकुमार मीणा, प्रिंसिपल कुछ आक्षेप के चलते आवंटन नहीं हो पाया। आवंटन कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जल्द भूमि आवंटन हो, उसे लेकर प्रशासन प्रयासरत है। -डॉ. मयूर शर्मा, तहसीलदार