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भोपाल

निवेश के महाकुंभ में याद आया एमपी में बिड़ला ग्रुप के निवेश का रोचक किस्सा

Global Investors Summit 2025: एमपी में चल रही है दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, देश-दुनिया के बड़े उद्योगपति पहुंचे हैं यहां, निवेश के इस महाकुंभ में याद आया 43 साल पुराना निवेश का एक किस्सा, आप भी जानें औद्योगिक घराने बिड़ला ग्रुप और पूर्व सीएम कैलाशनाथ काटजू की ये इंट्रेस्टिंग स्टोरी

भोपालFeb 24, 2025 / 03:00 pm

Sanjana Kumar

Invest MP
Global Investors Summit 2025: एमपी में औद्योगिक क्रांति लाने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit 2025) का आयोजन किया जा रहा है। दो दिवसीय इस इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ पीएम मोदी ने किया। उन्होंने वैश्विक स्तर के इस आयोजन और एमपी में निवेश की बड़ी पहल करने वाले सीएम मोहन यादव की तारीफ की और उन्हें बधाई भी दी। इस इन्वेस्टर समिट में शामिल होने देश-दुनिया से निवेशक यहां पहुंचे हैं। मेहमानों के लिए पूरा भोपाल ऐसा सजा कि उसकी सूरत बदल गई।
निवेश की इस क्रांतिकारी पहल के बीच एमपी के राजनीतिक इतिहास का किस्सा ताजा हो चला है, क्या आप जानते हैं कि एमपी के एक सीएम ऐसे भी थे जिन्होंने मध्य प्रदेश में निवेश करने आए देश के बड़े औद्योगिक घराने बिड़ला ग्रुप के सामने बड़ी शर्त रख दी थी, शर्त भी ऐसी कि बिड़ला ग्रुप उसे टाल नहीं सका। उस शर्त को पूरा करने के बाद ही उन्हें एमपी में निवेश की अनुमति मिली। यहां पढ़ें 31 जनवरी 1957 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने कैलाशनाथ काटजू (Former CM Kailashnath Katju) और एक निवेशक (Birla Group) का ये रोचक किस्सा…

एमपी में बिड़ला ग्रुप के निवेश का रोचक किस्सा

कैलाशनाथ काटजू ने 31 जनवरी 1957 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। पदभार संभालते ही उन्होंने राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में तेजी से काम करना शुरू कर दिया था। पद संभालते ही उनकी पहली प्राथमिकता में शामिल हुआ भोपाल का सौंदर्यीकरण। उन्होंने तय कर लिया कि सबसे पहले भोपाल को सजाया संवारा जाए।
भोपाल की साज-संवार की प्लानिंग करते हुए उनके मन में एक इच्छा जागी कि भोपाल की अरेरा हिल्स की खूबसूरत पहाड़ी पर एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाए। मन में विचार आते ही उन्होंने बिना किसी देरी के इस पर काम करना शुरू कर दिया। पहला कदम बढ़ाते हुए उन्होंने इसके लिए पहाड़ी पर जमीन अलॉट कर एक ट्रस्ट बनवाया। वे चाहते थे कि भोपाल में बनने वाला यह मंदिर इतना सुंदर और भव्य हो कि इसे दुनिया भर में जाना-पहचाना जाए। लेकिन तब कैलाशनाथ काटजू के इस ट्रस्ट से ज्यादा लोग जुड़ नहीं पाए थे।

तब आया बिड़ला ग्रुप का निवेश प्रस्ताव

इस बीच भारत के प्रसिद्ध और औद्योगिक बिड़ला घराने ने मध्यप्रदेश में निवेश की इच्छा जताई। बिड़ला ग्रुप का निवेश प्रस्ताव कैलाशनाथ काटजू को मिला, उन्होंने निवेश के लिए अनुमति भी दी। लेकिन उनके सामने एक शर्त भी रख दी।

शर्त टाल नहीं सका बिड़ला ग्रुप

सीएम की इस शर्त के मुताबिक अगर बिड़ला परिवार मध्य प्रदेश में निवेश करता है, तो उन्हें सबसे पहले भोपाल के अरेरा हिल्स की पहाड़ी पर भव्य मंदिर बनवाना होगा। सीएम काटजू की इस शर्त को बिड़ला परिवार टाल नहीं सका और उन्होंने सीएम की इस शर्त को मान लिया।

तीन साल में बनकर तैयार हो गया बिड़ला मंदिर

सीएम की शर्त का पालन करते हुए बिड़ला परिवार ने तीन साल में ही अरेरा हिल्स की पहाड़ियों पर भव्य मंदिर बनवाकर तैयार कर दिया। लोग आज इस मंदिर को बिड़ला मंदिर (Birla Mandir) के नाम से जानते हैं।

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