इंदौर-भोपाल के आसपास के जिलों का तेजी से होगा विकास
मेट्रोपॉलिटन ऑथिरिटी के तहत भोपाल, सीहोर, रायसेन और विदिशा को मिलाकर महानगर बनाए जाने की तैयारी है। इसके अलावा उज्जैन, इंदौर, देवास, धार को मिलाकर इंदौर को महानगर बनाने की तैयारी है। इस प्लान के चलते विकास की राह आसान हो जाएगी।
अफसर सीधा सीएम को करेंगे रिपोर्ट
मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी में जो चेयरमैन नियुक्त किए जाएंगे वह अपर मुख्य सचिव स्तर के होंगे। ये अफसर सीधा सीएम को रिपोर्ट करेंगे। सरकार भोपाल और इंदौर के आसपास के जिलों में मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। जिससे आसपास के जिल विकास से सीधे तौर पर जुड़ पाएंगे।
इंदौर-भोपाल के बाद ग्वालियर-जबलपुर को मिल सकता है मौका
इंदौर-भोपाल को महानगर बनाए जाने का प्लान है। इसके ताकि आसपास के इलाकों का सीधा जुड़ाव हो सके और विकास की राह भी आसान हो जाए। उम्मीद जताई जा रही है कि दो महानगर बनने के बाद ग्वालियर और जबलपुर को मौका मिल सकता है। इससे ग्वालियर और जबलपुर के आसपास के इलाकों का भी विकास हो पाएगा।
क्या है एनसीआर
एनसीआर को नेशनल कैपिटल रीजन का जाता है। इसमें आसपास के ग्रामीण शहरी इलाके शामिल होते हैं। जैसे कि एनसीआर में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई जिले शामिल हैं। इसी वजह राज्य सरकार ने एससीआर का प्लान बनाया है। जो कि स्टेट कैपिटल रीजन होगा।
कमलनाथ सरकार ने बनाया था प्लान
तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी के लिए प्रस्ताव रखा था, लेकिन उस वक्त सरकार गिर गई थी। जिस वजह से इस प्लान में अमल नहीं हो पाया।