गावस्कर ने कन्कशन पर ही उठा दिए सवाल
गावस्कर भी इससे बहुत प्रभावित नहीं है। मिड-डे के लिए लिखे अपने कॉलम में उन्होंने कहा, “दुबे चोट लगने के बाद भी अंत तक बल्लेबाजी करते रहे, तो इसका मतलब है कि वे गंभीर रूप से घायल नहीं थे। ऐसे में कन्कशन सब्स्टीट्यूट देना ही गलत था। अगर उन्हें कोई और चोट लगी होती, तो भी सिर्फ़ फील्डिंग के लिए सब्स्टीट्यूट मिलता, गेंदबाज नहीं।” उन्होंने मज़ाकिया अंदाज में कहा, “अगर दुबे और राणा में कोई समानता थी, तो सिर्फ उनकी लंबाई और फील्डिंग का स्तर!” उन्होंने कहा कि इंग्लैंड को इस फैसले से ठगा हुआ महसूस करने का पूरा हक है। आईसीसी के नियम 1.2.7 के अनुसार, कनकशन रिप्लेसमेंट वही खिलाड़ी होना चाहिए, जो हटाए गए खिलाड़ी की भूमिका निभा सके और टीम को अतिरिक्त फायदा न मिले। गावस्कर ने इसे क्रिकेट के सबसे खराब नियमों में से एक बताया। उन्होंने कहा, “अगर कोई बल्लेबाज बाउंसर नहीं खेल सकता और सिर पर चोट लगवा लेता है, तो उसे खेलने का अधिकार ही नहीं होना चाहिए।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर कोई खिलाड़ी उंगली या कलाई तोड़ ले, तो उसे सब्स्टीट्यूट क्यों नहीं मिलता? फिर सिर पर चोट लगने वाले को क्यों मिले?
भारत अब आखिरी टी20 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेलेगा और 4-1 से सीरीज जीतने की कोशिश करेगा। गावस्कर ने कहा कि भारत को अगला मैच जीतकर यह दिखाना होगा कि वे बिना किसी विवाद के भी सर्वश्रेष्ठ टीम हैं।