दरअसल, 28 अप्रेल को आवेदक व्यापारी अनिल सैनी ने एसपी को अनाज व्यापार के लिए लाइसेंस जारी करने के बदले मंडी सचिव विक्रम सिंह चौहान और बाबू किशोर नाविक ने तीस हजार रुपए मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में डिजिटल साक्ष्य में मंडी सचिव और बाबू ने रिश्वत की रकम मंडी के ही एक अन्य व्यापारी कृष्णा अग्रवाल को देने के लिए कहा था।
शिकायत सही पाए जाने पर ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई करते हुए शुक्रवार की दोपहर करीब ढाई बजे टीम किसान बनकर मंडी में पहुंची। गले में सफेद गमछा और साधारण सी वेशभूषा में ईओडब्ल्यू के निरीक्षक किसानों के बीच खड़े होकर उपज की नीलामी में हिस्सा लेते रहे।
दोपहर करीब तीन बजे जैसे ही शिकायकर्ता व्यापारी अनिल सैनी ने मंडी सचिव चौहान और बाबू किशोर के कहे अनुसार एक अन्य व्यापारी कृष्णा अग्रवाल को रिश्वत की रकम थमाई। तुरंत वहां मौजूद ईओडब्ल्यू के अफसरों ने व्यापारी अग्रवाल को रंगेहाथों पकड़ लिया। साथ ही मंडी सचिव और बाबू को भी हिरासत में ले लिया।
कार्रवाई की सूचना से मंडी में हडकंप मच गया। जैसे ही व्यापारी को पकड़कर पुलिसकर्मी लेकर निकलने लगे तो अन्य व्यापारी चिंता में आ गए। मंडी व्यापारी संघ के पदाधिकारी भी मामले की जानकारी मिलने पर बडगोंदा थाने पहुंच गए। कार्रवाई के दौरान ईओडब्ल्यू की टीम ने मंडी कार्यालय पहुंचकर रिकार्ड भी खंगाला और आवश्यक दस्तावेज भी जब्त किए।