विधानसभा में माफी के मुद्दे पर बढ़ा विवाद
दरअसल, सत्ता पक्ष का कहना है कि स्पीकर के सामने मीटिंग में तय हुआ कि पीसीसी चीफ डोटासरा डायस पर चढ़ने की घटना पर माफी मांगेंगे। इसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने घटना को खेदजनक बताया लेकिन सीधे शब्दों में खेद व्यक्त नहीं किया। इस पर स्पीकर ने कहा कि मैं खेद व्यक्त करता हूं सीधा ये लाइन बोल दें। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सदन में हुए घटनाक्रम पर खेद जताया, लेकिन उन्होंने सीधे माफी नहीं मांगी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने उनसे आग्रह किया कि अध्यक्ष की टेबल तक जाने की घटना पर वे खेद व्यक्त करें। लेकिन डोटासरा ने इसके लिए मंत्री अविनाश गहलोत से पहले माफी मांगने की मांग कर दी। डोटासरा ने कहा कि पहले मंत्री अपनी टिप्पणी पर माफी मांग ले फिर मैं मांग लूंगा।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि हमारी वार्ता में यह तय हुआ था कि पहले विपक्ष खेद जताएगा और फिर आगे की कार्यवाही बढ़ेगी। लेकिन अब डोटासरा समझौते से पीछे हट रहे हैं, यह सही नहीं है।”
डोटासरा का पलटवार- पहले मंत्री माफी मांगें
इस पर डोटासरा ने तर्क दिया कि उन्हें स्पीकर की टेबल तक जाने की जरूरत ही क्यों पड़ी? उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पूरे विवाद की जड़ मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी थी। इसलिए पहले मंत्री को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी पर की गई विवादित टिप्पणी के कारण ही यह स्थिति बनी। अगर सत्ता पक्ष चाहता है कि हम खेद जताएं, तो पहले मंत्री को भी अपने बयान पर माफी मांगनी होगी।
कांग्रेस के 6 विधायकों का निलंबन बरकरार
इसके बाद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को निलंबन का अधिकार है, सुबह से कई बार मैंने विपक्ष को सुन लिया लेकिन हठधर्मिता बनी हुई है, बहुत हो गया अब, अब आपको जो करना कर आप कीजिए, मैं क्षमा चाहूंगा…मैंने कई बार व्यवस्था दी है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने दोनों पक्षों से आग्रह किया कि वे विवाद को खत्म कर विधानसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने दें। उन्होंने कहा कि असहमति को खत्म करने के लिए दोनों पक्षों को जिम्मेदारी लेनी होगी।