बेटे की रोटी का निवाला लेकर बैठे रहे पिता, 15 घंटे बाद कीचड़ में सना बोरवेल से निकला शव, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
Father Crying Due To 5 Year Old Son Died: रस्सी डालकर प्रह्लाद को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे। तभी से पिता बेटे की रोटी का निवाला लेकर बेटे को बचाने की गुहार लगाते रहे। उनका रो-रोकर बुरा हाल है।
Jhalawar Borewell Accident Update: झालवाड़ जिले के डग थाना क्षेत्र के पाडला गांव में रविवार दोपहर खुले बोरवेल में गिरे 5 साल के बालक प्रहलाद को निकालने के लिए देर रात तक हर तरह की मशक्कत होती रही, लेकिन मासूम को बचा नहीं पाए। 15 घंटे बाद सोमवार तड़के 4 बजे उसका शव निकला। बताया जा रहा है कि जिले में इस तरह की पहली घटना होने से प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी सकते में आ गए।
पुलिस के अनुसार पालड़ा निवासी कालूलाल बागरी रविवार दोपहर अपने खेत पर परिजनों के साथ गेहूं काट रहा था। इसी दौरान खेत की मेड़ के पास खुदे बोरवेल के पास उसका पांच साल का बेटा प्रहलाद खाना लेकर पहुंच गया। वह खाना बोरवेल के मुंह पर रखे पत्थर पर बैठ गया। बैठते ही पत्थर समेत वह अंदर गड्ढे में जा गिरा। यह देखकर उसके पिता ने शोर मचाया। शोर सुनकर आसपास खेतों में काम कर रहे ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने रस्सी डालकर प्रह्लाद को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे। तभी से पिता बेटे की रोटी का निवाला लेकर बेटे को बचाने की गुहार लगाते रहे। उनका रो-रोकर बुरा हाल है।
हादसे के बाद काफी देर तक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। ग्रामीणों ने उसके पास रस्सी के जरिए पानी भी पहुंचाया गया, जिसे उसने पी लिया। वह रस्सी के सहारे करीब चार फीट तक ऊपर भी आया, लेकिन फिर रस्सी से हाथ छूट जाने से वह नीचे चला गया। गांव के सरपंच की सूचना पर पुलिस, प्रशासन और चिकित्सा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने गैस पाइप के जरिए बालक तक ऑक्सीजन पहुंचाना शुरू किया। बचाव दल के अनुसार वह 30 फीट गहराई पर अटका हुआ है।
परिजनों को बुरा हाल
एनडीआरएफ व एसडीआर की टीम द्वारा बच्चे को बचाव के पूरे प्रयास किए गए, लेकिन जैसे बच्चे को बाहर निकाला तो बच्चे का शव कीचड़ में सना हुआ था। प्रहलाद को मृत अवस्था में देखकर परिजनों की रूलाई फूट पड़ी। इससे पहले परिजन और ग्रामीण बच्चे की सकुशल निकलने की प्रार्थना कर रहे थे। लेकिन मासूम बालक को मृत अवस्था में देखकर कोहराम मच गया। चारों तरफ रोने की आवजें आ रही थी।