जोधपुर में 11 सीए के विरुद्ध मामले दर्ज थे। आइसीएआइ ने इनके मामले भी सुने थे। इसमें से पावटा निवासी एक सीए को सजा के रूप में केवल डांट लगाई गई। कुछ सीए पर केवल अर्थ दण्ड लगाया गया। आइसीएआइ ने हालांकि राज्य व जिलेवार इसकी सूची जारी नहीं की है। इस साल रेकॉर्ड स्तर पर पेशेवर नैतिकता (प्रोफेशनल एथिक्स) व कदाचार (मिसकंडक्ट) को लेकर कार्रवाई से सीए भी पेशोपेश में है। बीते साल 116 के विरुद्ध कार्रवाई की गई थी।
आम आदमी से लेकर सरकारी एजेंसियां बनी पक्षकार
जोधपुर में बीते साल 11 सीए के विरुद्ध कदाचार और पेशेवर नैतिकता के विरुद्ध कार्रवाई करने के मामले आइसीएआइ ने दर्ज किए थे। जोधपुर के सीए के विरुद्ध आम आदमी से लेकर आयकर विभाग, सीबीआई, जीएसटी इंटेलीजेंस जैसी सरकारी एजेंसियों ने मामले दर्ज कराए थे। इन मामलों की सुनवाई के दौरान पक्षकारों ने सीए के अपने पद के दुरुपयोग करने के आरोप भी लगाए थे। जोधपुर के अलावा जयपुर के कई सीए के विरुद्ध भी मामले दर्ज हुए थे।
केवल सीए के विरुद्ध कार्रवाई, सीए फर्म बच जाती है
आइसीएआइ की ओर से वर्तमान में केवल चार्टर्ड अकाउंटेंट के विरुद्ध ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। चार्टर्ड एकाउंटेंसी फर्म के विरुद्ध कार्रवाई करने का आइसीएआइ को अधिकार नहीं है। यह अधिकार वर्तमान में नेशनल फाइनेंसिंग रिपोर्टिंग अथॉरिटी को है। आइसीएआइ ने इस मामले को भी केंद्र सरकार के सामने उठाया है ताकि फर्म के विरुद्ध कार्रवाई का अधिकार मिल सके और सीए प्रोफेशन को और अधिक पारदर्शी व पेशेवर नैतिकता के दायरे में लाया जा सके।