ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि प्रकरण में गिरफ्तार भणियाणा तहसीलदार जोधपुर में जालेली गांव निवासी सुमित्रा चौधरी और बीकानेर निवासी शिवप्रसाद शर्मा को जोधपुर की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इस मामले में जैसलमेर जिले के सांगड़ पटवारी हनुमान भी आरोपी है। सत्यापन में उसके भी रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी। तहसीलदार सुमित्रा व शिवप्रसाद शर्मा के पकड़े जाने का पता लगते ही वह फरार हो गया।
गौरतलब है कि तहसीलदार सुमित्रा ने सोमवार को भणियाणा में पंचायत परिसर के सरकारी क्वार्टर में 15 लाख रुपए रिश्वत ली थी। तभी एसीबी ने सुमित्रा को रंगे हाथों पकड़ लिया था। फिर फतेहगढ़ तहसीलदार का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे नायब तहसीलदार शिवप्रसाद शर्मा को भी पकड़ा गया था।
सभी अफसर-कार्मिकों के लिए मांगे थे 60 लाख
एसीबी का कहना है कि परिवादी की कम्पनी है, जो सोलर प्लांट लगाने का कार्य कर रही है। इसके लिए भणियाणा व फतेहगढ़ में जमीन खरीदने के साथ ही इनका नामांतकरण खोलने, रजिस्ट्री व पैमाइश के लिए तहसीलदार सुमित्रा से सम्पर्क किया गया था। तब उसने न सिर्फ अपने लिए बल्कि फतेहगढ़ तहसीलदार, एसडीएम, पटवारी से लेकर जयपुर तक अधिकारी व कर्मचारियों के नाम पर 60 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। परिवादी ने राशि अधिक बताई थी। साथ ही सिर्फ अपने लिए रिश्वत राशि लेने का आग्रह किया था। इस पर उसने 20 लाख और फिर 15 लाख रुपए लेने पर सहमति बनी थी।