POCSO के तहत 31,171 मामले दर्ज
यह आंकड़ा उस समय सामने आया जब केरल पुलिस ने एक दलित लड़की के कथित बलात्कार और यौन शोषण के मामले में 30 मामले दर्ज किए थे और 57 लोगों को गिरफ्तार किया था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून 2016 से दिसंबर 2024 तक POCSO के तहत 31,171 मामले दर्ज किए गए हैं और इस अवधि में 28,728 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
आत्महत्या करने की बढ़ती प्रवृत्ति
2022 के बाद नाबालिगों से संबंधित यौन उत्पीड़न के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई है। जहां 2016 और 2021 के बीच हर साल लगभग 3,000 मामले दर्ज किए गए, वहीं 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 4,518, 2023 में 4,641 और 2024 में 4,594 तक पहुंच गया। POCSO के तहत बचे हुए लोगों के आत्महत्या करने की बढ़ती प्रवृत्ति को लेकर केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के.वी. मनोज कुमार ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “यह सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं कि बचे हुए लोगों का उचित देखभाल की जाए। एक कारण यह भी है कि नाबालिगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ गई है।” उन्होंने आगे कहा, “आघात से गुजरने के बाद, वे बहुत उदास महसूस करते हैं, और इस स्तर पर उन्हें मनोवैज्ञानिक सहायता की आवश्यकता होती है। विभिन्न विभागों ने आयोग को बताया है कि POCSO पीड़ितों को हर प्रकार की सहायता दी जा रही है। जब आरोपी परिवार के भीतर होते हैं, तो पीड़ितों को बाल गृहों में शरण लेना पड़ता है, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। हमें यह देखना होगा कि इन हस्तक्षेपों का प्रभाव कितनी हद तक सफल है।”