हॉकी, फु टबॉल, एथलेटिक्स, दौड़, कराते, योगा, मलखम्ब, टेनिस, बैड मेंटन, क्रिकेट। वैसे तो शिक्षा विभाग के कलेंडर अनुसार ५२ प्रकार के खेल है। लेकिन इनके लिए खेल मैदान नहीं है। पुलिस लाइन, नजरबाग, गंजीखाना और ढोंगा मैदान है। जिनमें प्रतियोगिताएं आयोजित होती रहती है।
बताया गया कि ढोंगा मैदान का कायाकल्प करोडों रुपए की लागत से किया गया है। करोडों की लागत से इंडोर स्टेडियम और आउटडोर स्टेडियम के साथ १२ प्रकार के खेलों के खेल मैदान तैयार किए जाने थे, लेकिन १३ सालों में ५० एकड वाले मैदान का समतलीय करण तक नहीं हो पाया है।
ढोंगा माता बेटी बाई मैदान में फुटबाल, हॉकी मैदान, कुश्ती, बैडमिंटन, इंडोर, आउटडोर, किक्रेट, बॉलीबाल, खो-खो, कबड्डी, १००, ४००, ८०० और १६०० मीटर की जॉगिंग ट्रैक, उंची कूंद, लंबी कूंद, जूडरो कराटे, टेबल टेनिस सुविधा की कार्य योजना थी। लेकिन यह आज तक शुरू नहीं हो पाई है।
यहां पर गंजी खाना, पुलिस लाइन, नजर बाग, ढोंगा मैदान ही खेलों के लिए है। ढोंगा मैदान में विभिन्न खेलों के स्टेडियम बनाने की योजना थी। इन मैदानों से खिलाडिय़ों को खेलने का मौका मिल सकता था।
एसडी अहिरवार, जिला खेल शिक्षा विभाग टीकमगढ़।
सीताराम, एएसपी एवं खेल युवक कल्याण विभाग टीकमगढ़।