अधिकारी नहीं होने से प्रारंभिक शिक्षा, एडीपीसी से संबधित काम के लिए लोग परेशान हो रहे है। जिला शिक्षा अधिकारी चारों कार्यालय में घूम-घृूम कर जरूरी काम निस्तारित करते है। ऐसे में वे कई बार अपने मूल कार्यालय में नहीं मिलते। डाइट पर शिक्षकों से लेकर प्राचार्य तक को समय-समय पर प्रशिक्षण देकर अपडेट करना है। वहां भी अधीनस्थ जैसे-तैसे काम चला रहे है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि प्रधानाचार्य से डीईओ तक की डीपीसी हो चुकी है। नव पदोन्नत जिला शिक्षा अधिकारियों को यथावत कार्य ग्रहण कराया गया है। सरकार शीघ्र पदस्थापन करने वाली है, इससे सभी खाली पद भर जाएंगें।
जिले में ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के पद भी रिक्त है। पांच में से तीन पद रिक्त चल रहे है। सिर्फ नैनवां व तालेड़ा में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी है। हिंडोली, बूंदी और केशवरायपाटन में पद खाली होने से शिक्षण व्यवस्था चरमराई हुई है।
अनिल सामरिया, जिला सभाध्यक्ष शिक्षक संघ बूंदी