करोड़ों खर्च किए जा रहे
जिले के विभिन्न विकासखंडों में इन परियोजनाओं के तहत करोड़ों रुपये का खर्चा किया जा रहा है। जैसे कि राजनगर विकासखंड में 273.92 करोड़, नौगांव में 195.99 करोड़, लवकुशनगर और गौरिहार में 560.25 करोड़ तथा छतरपुर विकासखंड में 319 करोड़ की लागत से जल आपूर्ति योजनाओं का निर्माण चल रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य इस साल के अंत तक जिले के हर ग्रामीण इलाके में घर-घर पानी पहुंचाना था। लेकिन इन योजनाओं की स्थिति में कोई भी उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है। अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण इन योजनाओं की समयसीमा के भीतर पूरा होने की संभावना बहुत कम है।
राजनगर विकासखंड में पाइप लाइन नहीं डल सकी
राजनगर विकासखंड में कुटने बांध पर समूह जल आपूर्ति योजना की लागत 273.92 करोड़ है। इस योजना के तहत 131 गांवों के लगभग 47271 परिवारों को जल आपूर्ति प्रदान करने का लक्ष्य था। लेकिन, पिछले तीन महीनों से निर्माणाधीन इंटकवेल बांध के पानी में डूबने के कारण कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा है। अब तक इस परियोजना के तहत मात्र 568 किमी पाइपलाइन ही डाली जा सकी है, जबकि कुल 1660 किमी पाइपलाइन बिछानी है। इस परियोजना का निर्माण कार्य डब्ल्यूपीआईएल कंपनी द्वारा किया जा रहा है, लेकिन इंटकवेल और जल शोधन संयंत्र के निर्माण में किसी तरह की बड़ी प्रगति नहीं हो पाई है।
नौगांव, लवकुशनगर और गौरिहार में भी पाइप लाइन डालने में देरी
नौगांव विकासखंड में धसान नदी के तरपेड बांध पर 195.99 करोड़ की लागत से जल शोधन संयंत्र का निर्माण हो रहा है। इस योजना के तहत 118 गांवों के 40,391 परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराया जाना था। निर्माण कार्य गुजरात की कंपनी द्वारा किया जा रहा है, लेकिन अब तक केवल 506 किमी पाइपलाइन ही डाली जा सकी है। इसके अलावा, 51 उच्च स्तरीय टंकियों और इंटकवेल के निर्माण में भी कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है। इस योजना के तहत निर्माण कार्य का लक्ष्य जून 2025 था, लेकिन अब तक की धीमी गति से इसे समय पर पूरा होने की संभावना नहीं है।
सितंबर 2025 तक काम पूरा करने का लक्ष्य पिछड़ रहा
वहीं, लवकुशनगर और गौरिहार विकासखंड में 560.25 करोड़ की लागत से जल प्रदाय योजना की शुरुआत हुई थी। इस योजना के तहत 278 गांवों तक पाइपलाइन बिछानी थी और 102 टंकियों का निर्माण भी किया जाना था। अब तक केवल 977 किमी पाइपलाइन ही डाली जा सकी है, और एक भी टंकी का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। इस परियोजना का लक्ष्य सितंबर 2025 था, लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए इसे समय पर पूरा होने की उम्मीद नहीं है।
छतरपुर विकासखंड की धसान नदी परियोजना भी पिछड़ी
छतरपुर विकासखंड में 319 करोड़ की लागत से धसान नदी के तरपेड बांध पर हर घर नल से जल योजना का निर्माण हो रहा है। इस परियोजना के तहत 143 गांवों के 44900 परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य था। इस कार्य का निर्माण गुजरात की एलसीसी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। लेकिन अब तक इंटकवेल, फिल्टर प्लांट और टंकी निर्माण का काम आधे अधूरे पड़ा हुआ है। पाइपलाइन बिछाने में भी कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है, जिससे इस योजना के समय पर पूरा होने की संभावना खत्म हो गई है।
निगम और ठेकेदारों की लापरवाही से बढ़ी चिंता
इन सभी योजनाओं में सबसे बड़ी समस्या यह है कि ठेकेदार और संबंधित अधिकारी पूरी परियोजनाओं पर उचित ध्यान नहीं दे रहे हैं। अधिकारियों द्वारा योजनाओं की नियमित निगरानी न किए जाने के कारण निर्माण कार्य धीमा चल रहा है। इसके अलावा ठेकेदारों द्वारा समयसीमा का पालन न किए जाने से यह परियोजनाएं निर्धारित समय में पूरी होने की उम्मीद से बाहर हो चुकी हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह साफ है कि गर्मी के इस मौसम में जिले के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति की समस्या और भी बढ़ सकती है। यदि इन परियोजनाओं में जल्द सुधार नहीं किया गया, तो ग्रामीणों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
इनका कहना है
ग्रामीण क्षेत्रों में पानी सप्लाई के लिए तैयार रहे समूह नल जल प्रोजेक्ट पर लगातार काम हो रहा है। काम की रफ्तार बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
एलएल तिवारी, महाप्रबंधक, जल निगम
पत्रिका व्यू
इस समय इन परियोजनाओं के स्थगित होने के कारण जिले के ग्रामीण इलाकों में पानी की सप्लाई गंभीर संकट बन गई है। प्रशासन और ठेकेदारों को चाहिए कि वे जल्द से जल्द काम में सुधार लाकर इन योजनाओं को समय पर पूरा करें, ताकि आने वाली गर्मी में लोगों को पानी की समस्या का सामना न करना पड़े।