चिकित्सकों के ये पद रिक्त
राजकीय जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ विशेषज्ञों के 3 पद स्वीकृत है, जिनमें से केवल एक स्त्री रोग विशेषज्ञ कार्यरत है। अन्य सर्जनी व मेडिसिन दोनोंं विशेषज्ञों के पद रिक्त पड़े है। कनिष्ठ विशेषज्ञ में निश्चेतन, मेडिसिन, शिशु रोग, ऑर्थो के पदों पर चिकित्सक कार्यरत है। ईएनटी, स्त्री रोग, सर्जनी, दंत रोग, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, नेत्र रोग विशेषज्ञ के पद रिक्त है। वरिष्ठ चिकित्साधिकारी के स्वीकृत तीनों पद भरे हुए है। चिकित्साधिकारी के 18 पदों में से 8 पद भरे हुए है और 10 रिक्त पड़े है। चिकित्साधिकारी दंत के एक पद पर चिकित्सक कार्यरत है।
चिकित्साकर्मियों के पद रिक्त
राजकीय जिला चिकित्सालय में नर्सिंग अधीक्षक का एक, नर्स श्रेणी प्रथम के 8 में से 5, द्वितीय के 56 में से 31, फार्मासिस्ट संवर्ग के 4 में से 1, रेडियोग्राफर संवर्ग के 5 में से 2, प्रयोगशाला तकनीशियन संवर्ग के 7 में से 3, ईसीजी टेक्निशियन का एक, डेंटल टेक्निशियन का एक, नेत्र सहायक के 3 में से 1, फीजियोथेरेपिस्ट का एक के पद रिक्त पड़े है। जिससे मरीजों के उपचार, दवाइयां देने, इंजेक्शन व ड्रिप लगाने आदि को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा कार्यालय कार्मिकों के भी कई पद रिक्त है।
सफाई कर्मचारी एक भी नहीं
राजकीय अस्पताल में सफाई कर्मचारियों के 8 पद स्वीकृत है। ये सभी पद रिक्त पड़े है। जिसके कारण आए दिन अस्पताल की सफाई व्यवस्था बिगड़ जाती है। हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से इस संबंध में ठेका दिया गया है, लेकिन कई बार व्यवस्था बिगडऩे के कारण मरीजों को परेशानी से रु-ब-रु होना पड़ता है।
मरीजों को होती है परेशानी
चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मियों के पद रिक्त होने के कारण मरीजों को बेहतर उपचार नहीं मिल पाता है। ऐसे में कई बार मरीजों को जोधपुर जाकर उपचार करवाना पड़ता है। यही नहीं कार्यरत चिकित्सकों में से भी कोई अवकाश पर होने की स्थिति में भी मरीजों को अन्यंत्र जाना पड़ रहा है। बावजूद इसके पदों को भरने व मरीजों को राहत दिलाने को लेकर कोई कवायद नहीं की जा रही है। फैक्ट फाइल:-
- 158 पद स्वीकृत राजकीय जिला चिकित्सालय में
- 95 पद की रिक्तता से उपचार हो रहा प्रभावित
- 800 से अधिक रहती है प्रतिदिन ओपीडी
- 100 मरीज रहते है अस्पताल में भर्ती