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Mahashivratri Puja Vidhi: महाशिवरात्रि पर इस विधि से करें भगवान शिव का जलाभिषेक, आपको सदा मिलेगा शिवजी का आशीर्वाद

Mahashivratri Puja Vidhi: माहशिवरात्रि के पर्व पर महादेव की विधिपूर्वक आराधना करने ने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है। साथ ही शिव सभी मनोकामनाएं पूरी करेंगे और उनका आशीर्वाद मिलेगा।

भारतFeb 07, 2025 / 01:57 pm

Sachin Kumar

Mahashivratri Puja Vidhi

महाशिवरात्रि पर इस विधि से करें जलाभिषेक

Mahashivratri Puja Vidhi: हिंदू धर्म में शिव पूजा का विशेष महत्व है। खासतौर पर महाशिवरात्रि के त्योहार के दिन। क्योंकि मान्यता है कि इस दिन भगवान महादेव ने मां पार्वती से विवाह रचाया था। शिव भक्त इस शुभ दिन पर व्रत पूजा-पाठ और महादेव का जलाभिषेक करते हैं। तो आइए यहां जानते हैं भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास जी से जलाभिषेक और पूजा करने का सही तरीका।
महाशिवरात्रि पर्व के दिन भगवान शिव की उपासना के समय शिवलिंग पर शहद से अभिषेक करना शुभ होता है। ऐसा करने से श्रद्धालु के कार्य जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है और भगवान शिव की कृपा बनी रहती है।
शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक दही से करने से भी आर्थिक क्षेत्र में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है। वहीं गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। भगवान शिव का अभिषेक करते समय 108 बार ‘ॐ पार्वतीपतये नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में अकाल संकट नहीं आता है।
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पूजन विधि

पं. अनीष व्यास के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को पंचामृत से स्नान करा कराएं। केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं। पूरी रात्रि का दीपक जलाएं। चंदन का तिलक लगाएं। बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं। सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें।

महाशिवरात्रि तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से होगी। इस तिथि का समापन अगले दिन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर निशा काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस लिए 26 फरवरी बुधवार को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।

चार प्रहर कर सकते हैं पूजा

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार 26 फरवरी को प्रथम प्रहर पूजा का समय शाम 06 बजकर 19 मिनट से रात्रि 09 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इसके बाद द्वितीय प्रहर पूजा का समय रात्रि 09:26 बजे से मध्यरात्रि 12:34 मिनट पर संपन्न होगा।
इसके बाद 27 फरवरी को तृतीय प्रहर पूजा का समय मध्यरात्रि 12 बजकर 34 मिनट से सुबह 03 बजकर 41 मिनट तक है। चतुर्थ प्रहर पूजा का समय 27 फरवरी सुबह 03:41 बजे से सुबह 06:48 बजे तक रहेगा।

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