पूजन विधि
पं. अनीष व्यास के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को पंचामृत से स्नान करा कराएं। केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं। पूरी रात्रि का दीपक जलाएं। चंदन का तिलक लगाएं। बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं। सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें।महाशिवरात्रि तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से होगी। इस तिथि का समापन अगले दिन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर निशा काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस लिए 26 फरवरी बुधवार को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।चार प्रहर कर सकते हैं पूजा
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार 26 फरवरी को प्रथम प्रहर पूजा का समय शाम 06 बजकर 19 मिनट से रात्रि 09 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इसके बाद द्वितीय प्रहर पूजा का समय रात्रि 09:26 बजे से मध्यरात्रि 12:34 मिनट पर संपन्न होगा।इसके बाद 27 फरवरी को तृतीय प्रहर पूजा का समय मध्यरात्रि 12 बजकर 34 मिनट से सुबह 03 बजकर 41 मिनट तक है। चतुर्थ प्रहर पूजा का समय 27 फरवरी सुबह 03:41 बजे से सुबह 06:48 बजे तक रहेगा।